राखो राखो ये..... डाढ्याली छाया लोवड री.... माथै राखो ये.....
लोवड री थारी लोवड री...
राखो राखो ये.....
जगदंबा जोरांली थारी लोवड़ सूर लुकावै जी
भांप शेख सिर गाज गिरत आडी तण ज्यावै जी
राखो राखो ये
थलवट माथै थान मात थारी जगमग जौत सवाई जी
अगणित भगतां री ओ मढ़ तकदीर जगाई जी
राखो राखो ये
देशां बिच में देश देशाणो बागां औरण न्यारो जी
करणी मां जठै गाय चराता मधुवन प्यारो जी
राखो राखो ये
केहर छोड भूप पर गौरा *कूडो कपट रचावै जी*
मां करणी रो दास सिंह भी चीर बगावै जी
राखो राखो ये
गंग भूप गरबीलो ठाकर जोधां में जबरैलो जी
सावण भादो भोग करयो थारो सबसूं पैलो जी
राखो राखो ये
थारोडै दर भगत घणेरा दूर दूर सूं आवै जी
आवै मुख मुरझाया लेकर हंसता जावै जी
रखो राखो ये
प्रांजल देव सदा ही मैया राखो थे शरणाई जी
रामोतार रटै नित करणी, रहो सहाई जी
राखो राखो ये
प्रहलाद सिंह कविया प्रांजल
No comments:
Post a Comment