पड़ै जद भीड़ भगतां पै मैया दोडी दौडी आय
बढै जद पीड़ भगतां रै मैया दौड़ी दौडी आय
दौडी दौडी आय.... हां जी म्हारी सांची करनल माय
पडै जद भीड़ भगतां पे......
देपा जी लश्कर ले सागै करणू गांव में जावै जी
हाथ जोड करनल नै अणदो घर पर न्यूंत बुलावै जी
हां करोजी म्हारी ढाणी में विश्राम अंबा द्यो चरणां में स्थान
पडै जद भीड़ भगतां पे
गांव का सारा लोग लुगाई मन चाया वर पाया जी
अणदो हो सेवा में तर्जन ऊबो शीश झुकायां जी
हां करूंली थारी पग पग बेटा साय मेहाई दियो आज अभय वरदान
पडै जद भीड़ भगतां
अंबा री आशीषां पाकर अणदो मौज उडावै जी
धन दौलत का घर में वासा सुख संपत सरसावै जी
हां भरया जी बीकै अन्न धन का भंडार अंबा राखै लाड दुलार
पडै जद भीड़.....
अणदो उतरै कूंवै मांही अबखी बेल्यां आवै जी
किस्मत रै लेखा सूं उणरी लाव टूट पड ज्यावै जी
हां रटण लाग्यो रो रो करणी नाम मैया द्यो प्राणा रो दान
पणै जद भीड़
टेर भगत री कानां पडतां दुंभी रूप धरावै जी
दोय मुखां सू लाव पकड़ मां दास री जान बचावै जी
हां चतुर्दिक हो रही जय जयकार भवानी थारी लीला अपरंपार
पडै जद भीड़....
मत भटको भरमी में भायां मां करणी नै ध्यावो जी
बिगड्या सारा काम बणैला दर पर शीश झुका वो जी
हां मेहाई म्हारी ममता रो दरियाव प्रांजल नै राखो लोवड़ छांव
पडै जद भीड़ भगतां......
प्रहलाद कविया प्रांजल
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