दर्शण दीज्यो ये..... म्हारी करुणा मय किनियाण ..... मेहाई म्हानै दर्शन दीज्यो ये.......
राजी रहिज्यो ये...... मैया बालक भोलो जाण..... डाढ्याली म्हां पर..... राजी रहिज्यो ये
नित उठ सिंवरू आपनै मां, त्याग कपट छल खोट
अटल भरोसो आपरो मां.. ..अटल भरोसो आपरो.... म्हानै ल्यो लोवड़ वाली ओट
मेहाई म्हानै दर्शन दीज्यो ये......
करणी थारी शरण में, म्हाने चिंत नहीं लवलेश
धोकूं धर धणियाण नै मां, हंसतो रहूं हमेश....
डाढ्याली म्हानै दर्शन दीज्यो ये.......
हर पल थारा दरश मिलै मां, कर ऐड़ो प्रबंध
काबो कर मढ़ मांयलो मां,...काबो कर मढ़ मांयलो.... . म्हानै बीसहथी भुजलंब
डाढ्याली म्हानै दर्शन दीज्यो ये.......
भगतां नै भव तारणै, मां चारण रै घर आय
सोरा राखो सेवगां मां ,.... .सोरा राखो सेवगां..... म्हारी आदि सगत सुरराय
डाढ्याली म्हानै दर्शन दीज्यो ये.......
बीच भंवर प्रांजल री नैया, आप भरोसै माय
बीच भंवर मां म्हारी नैया, आप भरोसै माय
पार करो परमेश्वरी अब..... पार करो परमेश्वरी.... थारी गुण कथ चिरजा गाय...
प्रहलाद सिंह कविया प्रांजल
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