Tuesday, 7 June 2022

मामा म्हारै आंगण आव भैरवा चिरजा लिरिक्स

 



मामा म्हारै आंगण आय भैरवा

रै मिणधर म्हारै आंगण आय भैरव



मुख मंडल पर तेज करारो लांगडिया लटियाला भैरू

दोन्यू भाई संग सदा ही ऊबा गौरा काला भैंरू

म्हानै प्यारो लागै मामा.... म्हानै प्यारो लागै थारो नाम भैरवा

टेर....


देवी रै अगवाण सदा ही नाचै गावै रिझावै भैरू 

हाथां कडलो पगल्यां छम छम घूघरिया घमकावै भैरू 

डम डम  बाजै डमरू थिरके... डम डम बाजै डमरू थिरके पांव भैरवा 

टेर..... 


सुणज्यो नाथ कुचिपल वाला आंगण म्हारै आज्यो भैरू 

थाल सजा पकवान परोसू जाजम ढाल बिराजो भैरू 

म्हानै बल बुद्धि रो दिज्यो.... म्हानै बल बुद्धि रो द्यो उपहार भैरवा 



नौसेरो भरपूर सवामण बाकलिया मन भावै भैरू 

सेवक काज सुधारण देवा दौड्यो दौड्यो आवै भैरू

प्रांजल पर राखो किरपा री छांव भैरवा 

टेर

        प्रह्लाद कविया प्रांजल रचित 

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सातम वाळी झाँकी

मामा म्हारै आंगण आव भैरवा चिरजा लिरिक्स

  मामा म्हारै आंगण आय भैरवा रै मिणधर म्हारै आंगण आय भैरव मुख मंडल पर तेज करारो लांगडिया लटियाला भैरू दोन्यू भाई संग सदा ही ऊबा गौरा काला भैं...