Monday, 29 October 2018

करणी माता चिरजा

सोनल शरणे उबरसो,भज भगवती रो नाम।

संकट   मेटण चारणी, हाज़िर  आठो  याम।।

सोनल के परताप से, जो नर नाम पीयाह।
प्यासा प्राण तृप्त हो,  पीवत  ही  जीयाह।।

वन्दन सोनल मात को, कर मन  कांयक वैण।
अखिल भुवन में सोधिये, सोनल समो न सैण।।

 लोवड़ियाळ  जन अनंत के, सारे कारज सोय।
जो नर मन निश्चय धरे,माँ सोनल परगट होय।।

सोनल उर करुणा धरे,  हरे माँ विपत हजार।
,देव पुत्री,,तुज दाखवे, माँ सिमरू  बारम्बार।।

सोनल बिन सुधि न लहै,  कोटिक  करो उपाय।
दे वर तुज पुत्री को माँ ,मन पल भी न बिसराय।।
     ------   ----    -----सोनल शरण में मंजू चारण
जय माँ मढड़ा वाली,, जय माँ चालकनेची जी, जय माँ मोगल, जय श्री करणी, जय हिंगलाज।

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