🙏श्री करणी प्रभात🙏
विनय करूं करणी कर जोड़त,
साद सुणो मम माँ ..... मेहाई,
आश लिए ऊर में अति आतुर,
मैं बाळक..... थांरे ....शरणाई,
स्वार्थ सकल संसार.....मावडी़,
मिनख चावै नित गूण... सदांई,
आप कहो किण विध.. निभे माँ,
किकर करूं माँ मैं .......भरपाई,
पाळक ..जगत तूँ ......परमेसरी,
ममता महर राखी..... ..महमाई,
मैं रिछपाल चरणा रज ....थांरी,
अन्नधन ईज्जतआनन्द बगसाई!!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
विनय करूं करणी कर जोड़त,
साद सुणो मम माँ ..... मेहाई,
आश लिए ऊर में अति आतुर,
मैं बाळक..... थांरे ....शरणाई,
स्वार्थ सकल संसार.....मावडी़,
मिनख चावै नित गूण... सदांई,
आप कहो किण विध.. निभे माँ,
किकर करूं माँ मैं .......भरपाई,
पाळक ..जगत तूँ ......परमेसरी,
ममता महर राखी..... ..महमाई,
मैं रिछपाल चरणा रज ....थांरी,
अन्नधन ईज्जतआनन्द बगसाई!!
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