Friday, 12 July 2019

राजस्थानी गीत आज्या म्हारै जीव की जड़ी


थारी सोवणी सूरत मन भाय,कि आज्या म्हारै जीव री जड़ी(टेर)        PLAY



 1केशर की क्यारी सी लागै,नव रस नीर भरै तेरे आगे 
 छवि छंदों की मंद पड़ी,कि आज्या म्हारै जीव की जड़ी 


 2चन्द सो रूप कनक सी दमके,दिल घायल जद चुड़ी खनके 
 जाणै फुरसत मै राम घड़ी,कि आज्या म्हारै जीव की जड़ी 



3निजर थारी मदहोश बणावै,बिन मदिरा मदपान करावै 
लागै दाखां री मदिरा भरी,कि आज्या म्हारै जीव की जड़ी 



4इमरत जेड़ा बोल सुहावै,मोहनी सूरत घणी मन भावै 
लागी थांसूं म्हारी प्रीत कड़ी,कि आज्या म्हारै जीव की जड़ी 


 5रूप देख भंवरा मंडरावै,जोध जवानी झोला खावै 
लागै फुलां री नरम कळी,कि आज्या म्हारै जीव की जड़ी 



6जद चालै चुनरी लहरावै,पायलड़ी दिन रैन जगावै 
थारी चाहत मैं नींद उड़ी,कि आज्या म्हारै जीव की जड़ी
            

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