रँग रूड़ो रँग सांतरो,रँग ही राचै रास
जीण रँग मै जीवन रच्यो,वो रँग रूड़ो खास
मोहक रँग है प्रेम रो,मारू मरवण साथ
प्रीत रँग मै रँग रिया,रख हाथां मै हाथ
रख हाथां मै हाथ,गीत मिलण रा गावै
प्रीत मै रँग दे सायबा,यो रँग कदे ना जावै
बादळ गरजै बरखा बरसै,बीजळी ओला खावै
सेजा नार पिया बिन तरसै,छैल भँवर कद आवै
सावण मै कोयल जद बोलै ,मीठा गीत सुणावै
कोयल बोल कटारी लागै,ओ रँगड़ो नहीं भावै
चावो रँग है रण भूमि रो,जे कोई रँग लगावै
प्रेम प्यार का सगळा ही रँग,इण रँग मै रळ ज्यावै
केशरिया रँग जो कोई रँग ले,शीश रक्त रो टीको
सांचो रँग कोई रंगै शूरमा,बाकी सब रँग फीको
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