Sunday, 6 October 2019

सेवक सोरा राख चिरजा

अरज सुण आवज्यो ये सगत्या सेवक जोवै बाट

मेहर कर आवज्यो ये अम्बे मां टाबर सोरा राख


 1थलवट पर जद मात पधारया,सात रूप सुरराय
     अम्बे मा सात रूप सुरराय
मामड़ घर उजियाश कियो मा-2 चारण कुल हर्षाय
अर्ज....


2 आवड़ आया आंगणे जद, कुमकुम पांव मण्डाय(धराय)
  अम्बे मां कुमकुम पाँव धराय
सातों बहना रमै आंगणे-2 देव पुष्प बरसाय
अर्ज...



3 आवड़ मारयो तेमड़ो जद,तेमङराय कहाय
  अम्बे मां तेमड़राय कहाय
डूंगर ऊपर आय बिराज्या-2 डुंगरराय कहाय
अर्ज....


4 आवड़ मां हिंगलाज स्वरूपा कई कई रूप धराय(बणाय)
  अम्बे मां कई कई रूप धराय
चाळकनेजी और स्वांगिया-2 गीगायी गिरराय
अर्ज....


5 सात समद स्याही कर जोओ,लेखन सब वनराय
  अम्बे मा लेखन सब वनराय
सब धरणी कागज कर लेवो-2 रूप वरण ना पाय
अर्ज...



6 घणी सुरंगी लोवड़ी ऐ मां,गजब चमकतो तेज
  अम्बे मां गजब चमकतो तेज
लोवड़ ओट रखो जोगणिया-2 खूब रँगी रँगरेज
अर्ज.....



7 जोत जगै नवखण्ड रमै मा,नवलख लोवड़याळ
   अम्बे मां नवलख लोवड़याळ
सांचो हेत हियै सूं राखो-2 गावै महेंद्र दान
अर्ज सुण........


 महेंद्र कविया भवानीपुरा 

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