दर देखा जबसे करनल का, मुझे नजर ना आता और कोई
पाई दौलत धूली चरणों की क्या छीने मुझसे चोर कोई
मन में मेहाई नाम बसा,
अंखियों में सुंदर धाम तेरा..... 2
कुछ और नहीं मांगू मैया,
बस इतना करदो काम मेरा
बिन दर्शन बिन सुमिरन तेरे, ....2
मेरी एक ना गुजरे भोर कोई
दर देखा जबसे.....
या तो काबा कर मढ़ में मां ,
या कुछ ऐसा प्रबंध करो....2
उपकार दास इस निर्धन पे,
इतना सा तो भुजलंब करो
करो वृक्ष आपकी औरण का, ...2
दो देशनोक में ठौड़ कोई
दर देखा जबसे....
तेरी किरपा की छायां में
छोटा सा घर बन जाये मां ....2
नित उठ हम तेरा ध्यान धरें
मंगला के दर्शन पायें मां
खुशियों का भी हो जाये शुरू .....2
मेरे इस जीवन में दौर कोई
जो लगन लगी तेरे चरणों से
वो लगन कभी भी छूटे ना.....2
चाहे रूठे मुझसे जग सारा
बस मां तुं मुझसे रुठे ना
प्रांजल का तो हे करणी मां .....2
है तेरे सिवा नहीं और कोई