टेर- ओ तो आधी आधी रात जगावै(सतावै) सा
घणों रसिलो पिवकी मै तो लाजा मर मर जाऊं सा
नाज़ुकड़ो जीव ।
घणो रसिलो पीव म्हारो नाज़ुकड़ो सो जीव
नाज़ुकड़ो सो जीव म्हारो घणो रसिलो पिव
किण नै केंउ कुण समझावे सा
घणों हठीलो पीव
कि मैं तो लाजा मर मर जाँऊ सा
नाज़ुकड़ो सो जीव
1रँगरसियो रँगमेहलां आयो,मरवण सेज सँवारे
घणो सोवणो लागै साजन, चन्दा रै उणीयारे
चांद चाँदनी दोय मिल्या सखी चांद चांदणी दोय-2
दोन्यूं प्रीत रंग रंग जावै सा घणो रसिलो पीव
मैं तो लाजा मर मर जाँऊ सा
नाज़ुकड़ो सो जीव
2आयो जद रूपाळो रसियो,रूप देख इतरायो
जोबन देख दीवानो होग्यो,और अपनी पे आयो
लाज शरम हुई चूर कंहू मैं सखी लाज शरम हुई चूर-2
के यो तो बेदर्दी हरजाई सा घणो हठीलो पिव
मैं तो लाजां मर मर जाँऊ सा
घणो रसिलो पिव
3झीणों रंग प्रीत को लाग्यो,सुध बुध भी बिसराई
प्रेम दीवानी पगली हो गयी बालम की भरमाई
नाचै है मन मौर सखी री नाचै है मन मौर-2
रसियो निरखै हंस बतलावै सा, घणों रसिलो पिव
मैं तो लाजा मर मर जाऊँ सा
नाज़ुकड़ो सो जीव
4आंख खुली सुपनो हरजाई,भूली मैं भटकायो
मूमल जोवै बैठ झरोखै,मन बसियो नहीं आयो
सुण मनडै री पीर सखी री सुण मनडै री पीर-2,
म्हारो लिख परवानों भेजो सा,साजन बिना अधीर
मैं तो लाजा....