अन्नदाता थांरो नगर देशाणों प्यारो लागै सा
डाढाली थारो मढ़ देशाण सुहावै साशकत्या री शक्ती दरशण दीज्यो सा
करनल किनियाणी दरशण दीज्यो मां
1 मेहाई थानै भक्त बुलावै बेगा आओ सा
मां मंगल करणी भीड़ पड़ै जद आतुर आओ सा
जूनोड़ी जोगण दरसण दीज्यो मां
अम्बे भुज लम्बे दरसण दीज्यो मां
अन्नदाता........
2 अम्बे मां थांरो मढ़ देशाणों निरालो सा
सुण काबा वाली धोरा धाम सुहानो सा
निज मढ़ मै काबा धूम मचावै मां
भक्ता रो हिवड़ो घणो हर्षावै मां
अन्नदाता.....
3 सुण शगत स्वरूपी मेह दुलारी देपा राणी सा
अष्टा भुज वाली मेह दुलारी देपा राणी सा
भक्ता री प्यारी मां अर्जी थे सुणज्यो मां
जगदम्बा अम्बा दरशन दीज्यो मां
अन्नदाता....
4 ब्राह्मणी थानै वेद बखाणै सुर मुनि ध्यावै सा
इन्द्राणी थांरो जस नर नारी गावै सा
मतवाली जोगण दरशण दीज्यो मां
म्हारी शगत भवानी दरशण दीज्यो मां
अन्नदाता.....
5 मधु कैटभ क्षरणी दुष्ट संघारण बेगा आवो सा
धर पाप बढ्या सूं भोम उबारण बेग पधारो सा
चामुंडा चंडी कष्ट निवारो मां
सुण निर्मल जोतां दरशण दीज्यो मां
अन्नदाता......
6 कर जोड़या करणी महेंद्र कविया गावै सा
शरहद पर शक्ति आपरो आसरो पावै सा
बिरदाली थांरो बिरद सम्हालो मां
सुण शायर करणी दरसण दीज्यो मां
अन्नदाता.......